ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों का व्यक्ति के जीवन पर महत्वपूर्ण प्रभाव माना जाता है। जब ग्रहों की स्थिति अनुकूल नहीं होती, तो उसे ग्रह दोष कहा जाता है, जो जीवन में विभिन्न प्रकार की समस्याओं और कष्टों का कारण बन सकता है। ग्रह दोष निवारण का उद्देश्य इन दोषों को शांत करना और जीवन में सुख-शांति, समृद्धि, और सफलता लाना है। शनि, राहु-केतु, और मंगल जैसे ग्रहों के दोष व्यक्ति के जीवन में प्रमुख प्रभाव डाल सकते हैं। इन दोषों को दूर करने के लिए विभिन्न ज्योतिषीय उपायों का पालन किया जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में शनि के साथ राहु और केतु सबसे पापी ग्रहों में से हैं। ये कुंडली के जिस भाव में बैठते हैं वहां अशुभ फल प्राप्त होते हैं। ज्योतिष में राहु और केतु को शनिदेव का अनुयायी माना जाता है। राहु सिर है और केतु शरीर है। राहु बुद्धि को भ्रष्ट करता है जबकि केतु व्यक्ति को बिना सोचे-समझे कार्य करने को मजबूर करता है और इसके लिए उसे नुकसान उठाना पड़ता है। राहु का संबंध ज्ञानेन्द्रियों से है और केतु का संबंध कर्मेन्द्रियों से है।
शनि ग्रह को "कर्मफलदाता" कहा जाता है, और यह व्यक्ति के कर्मों के अनुसार फल देता है। जब शनि की स्थिति कुंडली में कमजोर होती है या शनि की साढ़े साती या महादशा चल रही होती है, तो यह जीवन में कष्ट, दुःख, और संघर्ष का कारण बन सकता है। शनि दोष से उत्पन्न समस्याएं आमतौर पर स्वास्थ्य, करियर, पारिवारिक संबंधों, और मानसिक तनाव के रूप में होती हैं।
राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। ये ग्रह मानसिक तनाव, भ्रम, और जीवन में अस्थिरता का कारण बन सकते हैं। जब राहु और केतु की स्थिति कमजोर होती है, तो यह मानसिक परेशानियों, गलत निर्णय लेने, और भ्रामक परिस्थितियों का कारण बन सकता है। राहु और केतु के दोष से संबंधित समस्याएं कभी-कभी विशेष रूप से करियर, शिक्षा, और पारिवारिक जीवन में उत्पन्न होती हैं।
मंगल ग्रह को युद्ध और साहस का प्रतीक माना जाता है। जब मंगल ग्रह की स्थिति कुंडली में दोषपूर्ण होती है, तो यह जीवन में मानसिक तनाव, विवाद, और स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। मंगल दोष, विशेष रूप से विवाह में देरी, पारिवारिक कलह, और शारीरिक कष्टों का कारण बन सकता है।
इसके अतिरिक्त, ग्रह दोषों के निवारण के लिए कुछ सामान्य उपाय भी होते हैं :
ग्रह दोष निवारण के उपाय जीवन में आने वाले कठिन समय को कम करने और सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करने में मदद करते हैं। हालांकि, यह उपाय व्यक्ति के जन्मकुंडली और ग्रहों की स्थिति के आधार पर बदल सकते हैं। इसलिए, किसी भी ग्रह दोष को निवारण करने के लिए ज्योतिषी से परामर्श लेना अत्यंत महत्वपूर्ण है, ताकि सही उपायों का पालन किया जा सके और जीवन में सुख-शांति और समृद्धि का अनुभव हो सके।